किन्नौर के कानम गांव के गोम्पा यानी बौद्ध मठ की प्रमुख सुमार के मुताबिक जोमो यानी बौद्ध भिक्षुणी बनने के लिए कई नियमों का पालन करना होता है। इनमें बाल कटवाने से लेकर पेंटिंग बनाने और शादी-प्रेम नहीं करने तक के बंधन होते हैं। उन्हें बस आदि सार्वजनिक वाहनों में सफर करने की मनाही होती है ताकि कोई पुरूष उन्हें छू न ले। पढ़ें, प्रमोद रंजन द्वारा किया गया विशेष साक्षात्कार
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बीते 14-15 जनवरी,2019 को हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में एक धार्मिक आयोजन के दौरान नरगिस के फूलों का गुच्छा एक दलित युवक की गोद में गिरा। भीड़ ने न केवल उस युवक को पीटा, बल्कि उसके पांच साथियों की भी पिटाई की
महिला कल्याण परिषद की अध्यक्षा रतन मंजरी ने फारवर्ड प्रेस को बताया कि इस सिलसिले में वे पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल व वर्तमान मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह से भी मिली थीं परन्तु इस पारंपरिक कानून के उन्मूलन की दिशा में सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया
Manjari said that the MKP had launched several social campaigns to educate women and the local residents on the issue but they hadn’t get any positive response from them