लैंगिक विमर्श को लेकर डॉ. आंबेडकर स्पष्ट दृष्टिकोण रखते थे। उनका लैंगिक परिप्रेक्ष्य क्या था? वे जाति को किस प्रकार देखते थे? अपनी पुस्तक “जाति का विनाश” (1936) में वे बताते हैं कि भारतीय संदर्भ में विभिन्न समुदायों में वर्गीय अंतर किस प्रकार जाति में बदल गए। बता रही हैं डॉ. संयुक्ता भारती
Dr Ambedkar had a very clear perspective on gender discourse. What was it? How did he see caste? In his Annihilation of Caste (1936) he explains how class morphed into caste in India, says Sanjukta Bharti
हिंदू कोड बिल स्त्री अधिकारों की दावेदारियों का क़ानूनी घोषणा पत्र था। लेकिन डॉ. आंबेडकर के इस कोड बिल का सादन से लेकर बाहर तक पुरज़ोर विरोध किया गया था। यहां तक कि हिंदी नवजागरण काल की चर्चित पत्रिका ‘आर्य-महिला’ ने भी विषवमन किया था। बता रहे हैं सुरेश कुमार
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