ईसा मसीह की तरह संत गाडगे कहते हैं कि मानव सेवा ही ईश्वर सेवा है और मानव सेवा ही मनुष्य का सबसे बड़ा धर्म है। वे जोतीराव फुले की तरह अज्ञानता को सबसे बड़ा अंधकार मानते हैं और शिक्षा को इस अंधकार को दूर करने वाली मशाल। स्मरण कर रहे हैं सिद्धार्थ
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