पूर्वी उत्तर प्रदेश में होलिका दहन के बाद वहां दलित-बहुजन महिलाएं होलई जोड़वाने की परंपरा करती हैं। इसके तहत वे होलिका दहन की राख, जिसे होलिका की चिता कहती हैं, से आग लेकर आती हैं तथा उसे साल भर तक जिंदा रखने का प्रयास करती हैं। ब्राह्मण वर्ग के लोग ऐसा नहीं करते। इस परंपरा के बारे में बता रहे हैं सुशील मानव