बीते 31 अक्टूबर, 2019 से जम्मू-कश्मीर में भले ही पूर्ववर्ती निजाम के कानूनों को निष्प्रभावी बना दिया गया, लेकिन अभी भी दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों के आरक्षण से जुड़े प्रावधान नहीं बदले गए हैं। यह केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के संसद में उद्वोधन के विपरीत है। उन्होंने कहा था कि धारा 370 के खात्मे से जम्मू-कश्मीर में इन वर्गों को आरक्षण का समुचित लाभ मिलेगा। नवल किशोर कुमार की खबर