जोतीराव फुले ने क्रांति की जो लौ जलाई उसका केंद्र महाराष्ट्र था। उत्तर भारत उस लौ की रोशनी से अछूता रहा। प्रेमचंद भी अपनी शुरूआती रचनाओं में अंधकार में डूबे नजर आते हैं, जहां उनकी कहानियों में चमत्कार सीधे तौर पर सामने आता है। बता रही हैं शैली किरण
–