देश में ‘ओबीसी काे ताज, ऊंची जातियों का राज’ कायम है। ओबीसी को उसका वाजिब हक नहीं मिल पा रहा है। 2011 में कराई गई जातिगत जनगणना की रिपोर्ट आज तक सार्वजनिक नहीं हो पाई। ओबीसी के नाम पर केवल राजनीति की जा रही है। इसके पीछे साजिश की कई परतें हैं। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के पूर्व अध्यक्ष जस्टिस वी. ईश्वरैय्या से फारवर्ड प्रेस के हिंदी संपादक नवल किशोर कुमार ने बातचीत की। प्रस्तुत है संपादित अंश :