देश में दलितों और आदिवासियों पर अत्याचार की घटनाएं बढ़ रही हैं। उनके लिए आरक्षण को लेकर भी अनेक सवाल हैं। ऐसे में राष्ट्रीय एससी व एसटी आयोगों का पुनर्गठन नहीं किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। मद्रास हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश एस. के. कृष्णन ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर इस मामले में पहल करने की मांग की है