दक्षिण भारत के लिए ब्राह्मण बाहरी थे। उन्हें इतना महत्व दिए जाने से सामान्य कामगारों, किसानों, मजदूरों, चरवाहों और आदिवासियों में आक्रोश पनपने लगा था। यही आक्रोश कलाभ्र विद्रोह का कारण बना था। नतीजा यह हुआ कि तमिल मूल के किसान, मजदूर, चरवाहे तथा आदिवासी राजा-महाराजाओं तथा ब्राह्मण जमीदारों के विरुद्ध एकजुट होने लगे। बता रहे हैं ओमप्रकाश कश्यप