अनुराग मोदी विस्तार से बता रहे हैं कि ऐसे समय में जब देश के मजदूर सरकार से मदद की उम्मीद लगाए बैठे थे, सरकार ने उन्हें उनके हाल पर तो छोड़ ही दिया और कुछ देने के बजाय उनके अधिकार भी छीन लिये। ना तो मजदूर अपने वेतन को लेकर, ना बोनस को लेकर और ना ही अपनी सुरक्षा व अन्य मांगों को लेकर कुछ कह पाएंगे और ना ही हड़ताल कर सकेंगे