बेशक काम छोटा-बड़ा नहीं होता। दलित जातियों के लोग इन्हीं छोटे-बड़े कामों को करके आगे बढ़े हैं और उन्होंने आसमान छुआ है। कौशल पंवार ने भी आसमान छुआ है। लेकिन उनकी आत्मकथा व्यवस्थित नहीं है। वह उनके जीवन पर कोई खास प्रकाश नहीं डालती है। बता रहे हैं कंवल भारती