अज़रबैजान में कामरेड लेनिन को सोवियत संघ और अक्टूबर क्रांति का पितामह माना जाता है। यहां के नागरिक कामरेड किरोव से अत्यधिक प्रेम करते हैं। इसका कारण है कि कामरेड किरोव के प्रयासों से ही अज़रबैजान में पहला ट्रैक्टर आया था, जिससे उस देश के विकास को गति मिली। पढ़ें, अन्नाभाऊ साठे की कालजयी रचना “मेरी रूस यात्रा” का पांचवां अध्याय