पूर्वोत्तर के राज्यों में भारतीय जनता पार्टी को जीत केवल इसलिए नहीं मिली है कि उसने सांप्रदायिक भावनाओं को उकसाया और वोट हासिल किया। मसलन त्रिपुरा में भाजपा ने ओबीसी के आरक्षण का सवाल उठाया और यह भी कि दलिताें व आदिवासियों को मिलने वाले आरक्षण को लेकर भी वामपंथी सरकार ईमानदार नहीं थी। बता रहे हैं राम पुनियानी :