हम लेनिनग्राद के संग्रहालय में पहुंचे। वहां हजारों वर्ष पुरानी वस्तुओं को यत्नपूर्वक सहेजा गया है। श्रीमती ततियाना कातेनिना मुझे उस संग्रहालय में मौजूद वस्तुओं के बारे में मराठी में समझा रही थीं। वहां सम्राट चंद्रगुप्त के शासनकाल से लेकर आज तक के सिक्के मौजूद थे। पढ़ें, अन्नाभाऊ साठे के ऐतिहासिक यात्रा संस्मरण का तीसरा अध्याय