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लोकगायक डॉ. बृजेश यादव ने कहा कि ‘जो भक्ति भजन का गाना है, वो बंद बुद्धि तैयार करने के लिए और औरतों को मानसिक गुलाम बनाने के लिए है। उन्होंने कार्यक्रमों की शुरुआत भक्ति वंदना से नहीं करने का आह्वान करते हुए कहा कि यह दुखद है कि हमारे खुद के साथी ऐसा करते हैं। अगर वे वंदना न गायें तो उनके मुंह से बकार ही नहीं फूटती।’ बता रहे हैं शिवानंद यादव
Roshanlal Vishwakarma, who was born into a middle-class peasant family, has done not only his father Dhaniram Vishwakarma but the entire district proud by inventing a range of simple agricultural machines
मध्यमवर्गीय कृषक धनीराम विश्वकर्मा के घर जन्मे रोशनलाल विश्वकर्मा ने न केवल अपना बल्कि समूचे जिले का नाम रोशन कर दिखाया है। उन्होंने खेती से जुड़े कई अविष्कार किये हैं