प्रमोद रंजन महोबा में महिषासुर-मैकासुर से लेकर खजुराहो तक प्रमोद महिषासुर की खोज करते हैं। सिर्फ इतना ही नहीं, इसके पीछे की कहानियों, तथ्यों, इतिहास और लोक कथाओं में से एक कुशल शोधकर्ता के तौर पर सिर्फ महिषासुर की कहानी ही नहीं बताते हैं, बल्कि महिषासुर से जुड़े सामाजिक-सांस्कृतिक धरातल भी तैयार करते हैं, जिसपर किताब की बुनियाद रखी गई है