इन दिनों देश में चल रहा किसान आंदोलन मूलतः शूद्रों और अतिशूद्रों का आंदोलन है. और यह हमें बरबस जोतीराव फुले के नेतृत्व में 1870 और 1880 के दशकों में शूद्रों और अतिशूद्रों के उस आंदोलन की याद दिलाता है, जिसने महाराष्ट्र के ग्रामीण क्षेत्रों में परिवर्तन की आंधी पैदा की थी। बता रहे हैं अनिल वर्गीज