ओमप्रकाश कश्यप बता रहे हैं कि किस तरह और क्यों असम में मल्लाह ‘अछूत’ जाति में शामिल हैं। आजादी के सात दशक बाद भी उन्हें अमानवीय जातिगत अपमान झेलने पड़ते हैं
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस के मल्लाह, निषाद, केवट और मछुआरा आदि जातियों के लोग धरने पर बैठे हैं। उन्होंने पीएम को पत्र लिखकर अपने पारंपरिक पेशे को बचाने की गुहार लगाई है