अपने संदेश में डॉ. हेमलता महिश्वर ने लिखा – “इंसान बनें, मनुवादी नहीं। संविधान चाहिए, मनुस्मृति नहीं। मनुस्मृति दहन दिन की हार्दिक मंगल कामनाएं।” उनके इस संदेश पर दो लोगों ने आपत्ति व्यक्त की।
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उत्तर प्रदेश और बिहार के कई जिलों में मनुस्मृति दहन दिवस का आयोजन किया गया। इस मौके पर दलित-बहुजन लोगों ने मनुस्मृति के साथ ही केंद्र सरकार के उन कानूनों की प्रतियां जलाईं जिनसे इन वर्गों के लोगों का अहित होता है। इनमें तीन कृषि कानून भी शामिल रहे। विशद कुमार की खबर