वर्चस्ववादी संस्कृति के प्रतिवाद और प्रतिरोध की भारत में एक लंबी परंपरा रही है। इस क्रम में महिषासुर और रावण जैसे प्रतीकों को लेकर नए विमर्श सामने आए हैं। देश के कई हिस्सों में महिषासुर और रावण का सम्मानपूर्वक स्मरण किया गया। बता रहे हैं नवल किशोर कुमार