गांधी की हत्या से पेरियार दुखी थे। उन्होंने ‘कुदी आरसु’ में दो संपादकीय लिखे। उन्होंने लिखा कि वर्णाश्रम व्यवस्था के कायम रहने तक, जिसने गांधी को हमसे छीन लिया है, पंडित नेहरू तथा राजगोपालाचारी अपनी संपूर्ण निष्ठा, बुद्धिमानी और नि:स्वार्थ कोशिशों के बावजूद इस देश में सुशासन नहीं ला सकते
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गत दो जुलाई को केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर के उधमपुर जिले के एक गांव में एक दलित युवक की हत्या कर दी गई। परिजनों के मुताबिक हत्या की वजह जमीन को लेकर विवाद है। उनका यह भी आरोप है कि पुलिस उंची जाति के अपराधियोें की मदद कर रही है और लीपापोती में लगी है। सुशील मानव की खबर
बीते 2 अप्रैल 2018 को भारत बंद के बाद मेरठ में चार दलित नौजवानों की हत्या हुई है। मारे गए सभी नौजवान सामाजिक कार्यकर्ता थे। इन मामलों में पुलिस पर सवर्णों को बचाने का आरोप लग रहा है। फारवर्ड प्रेस की खबर :
Forward Press also publishes books on Bahujan issues. Forward Press books shed light on the widespread problems as well as the finer aspects of Bahujan (Dalit, OBC, Adivasi, Nomadic, Pasmanda) society, culture, literature and politics
नफरत फैलाने वालों के नाम पर रेलवे स्टेशन बनते हैं, लेकिन प्रेम करने वालों, जाति तोड़ने वालों और दुनिया में बराबरी चाहने वालों की मूर्ति आदिवासी, दलित और पिछड़े बहुतायत वाले राज्य तेलंगाना में इसलिए नहीं लगाने दी जाएगी क्योंकि यह मूर्ति प्रेम को महान और जातीय श्रेष्ठता के घमंड और उसकी जड़ता को समाज के विकास और बराबरी के मूल्यों की दुश्मन बताएगी :