मराठी दलित साहित्यकार अन्नाभाऊ साठे के जन्मशती वर्ष के मौके पर पढ़ें उनकी कालजयी कृति ‘माझा रशियाचा प्रवास’ का ओमप्रकाश कश्यप द्वारा हिंदी अनुवाद। रूस अन्नाभाऊ के सपनों में बसता था। रूसी क्रांति पर आधारित उनकी रचना ‘स्तालिनग्राडचा पोबाड़ा’ उनकी रूस यात्रा से पहले ही वहां लोकप्रिय हो चुकी थी। बावजूद इसके अन्नाभाऊ की रूस यात्रा आसान नहीं थी