कंवल भारती के मुताबिक, माता प्रसाद द्वारा रचित काव्य ‘एकलव्य’ में भील समुदाय एकलव्य के साथ द्रोणाचार्य के द्वारा किए गए पक्षपात को अपना अपमान समझता है, और वह इसका बदला कृष्ण का वध करके लेता है। इसके बावजूद उनका उपचार गांधीवादी है।
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अर्जक संघ के संस्थापक महामना रामस्वरूप वर्मा ने तत्कालीन राष्ट्रपति वी.वी. गिरि और तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को पत्र लिखकर रामचरितमानस चतुष्शताब्दी समारोह का विरोध किया था। वे मानते थे कि राम और रामायण के पीछे ब्राह्मणों की मंशा अपना वर्चस्व बनाए रखना तथा दलित-बहुजनों को नीच बताना था। बता रहे हैं सिद्धार्थ
Arjak Sangh’s founder Mahamana Ramswaroop Verma had written to the then president V.V. Giri and prime minister Indira Gandhi opposing official celebrations to mark the 400th anniversary of the writing of Ramcharitmanas. He firmly believed that both Ram and Ramayan were crafted by the Brahmins to perpetuate their domination and to keep Dalitbahujans on a lower rung