डॉ. आंबेडकर की दीक्षा भूमि नागपुर में पेशे से चिकित्सक मनीषा बांगर भाजपा के दिग्गज नितिन गडकरी को चुनौती दे रही हैं। उनके मुताबिक, वे गडकरी को हराकर आरएसएस को पराजित करना चाहती हैं
–
भीमा-कोरेगांव में हिंसा को लेकर सरकार तथाकथित ‘शहरी नक्सलियों’ की धड़पकड़ कर रही है और इस क्रम में पुणे पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। उनमें वेरनॉन गोंसाल्वेस भी हैं। उनके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं कि वे मुंबई विश्वविद्यालय में इकनॉमिक्स में गोल्ड मेडलिस्ट रहे और कई कॉलेजों में अध्यापन किया है। बता रहे हैं अशोक झा :
This post is only available in Hindi.
Visit the Forward Press Facebook page and and follow us on Twitter @ForwardPressWeb
हालांकि धर्मपरिवर्तन के दूसरे दिन ही बाबा साहब ने इस बात का खंडन कर दिया था और अपने चुनाव को ऐतिहासिक संदर्भों से जोड़ते हुए स्पष्ट किया था कि चूंकि नागपुर, आर्यों से सबसे मुखर संघर्ष करने वाली नाग जनजाति का क्षेत्र है, इसलिए यह चुनाव किया गया है।
Ambedkar, of course, had refuted the idea the very next day of adopting Buddhism. He had attributed his choice of Nagpur to historical reasons saying that the city was native to the Nag tribe, which took on the Aryans with great valour.