जिस व्यक्ति ने दलित मजदूरों के दमन के लिए रणवीर सेना बनाई हो, उनकी बस्ती पर धावा बोल कर उन्हें गोलियों से भून दिया हो, दूधमुही बच्ची को हवा में उछाल कर उसे बन्दूक से उड़ा दिया हो और गर्भवती स्त्री का पेट फाड़ कर भ्रुण शिशु को तलवार से काट डाला हो, उस दरिन्दे की हत्या पर कोई दरिंदा ही शोक मना सकता है, दलित क्यों शोक मनाएंगे?