पहला सवाल यही होता है कि आखिर मतदान के बाद एक्जिट पोल के नतीजों को सत्ताधारियों और खासतौर से भाजपा के पक्ष में दिखाने का क्या लाभ हो सकता है? क्योंकि मतदान तो हो चुके हैं और उसकी गिनती सब लोगों के सामने 10 मार्च को हो जाएगी। पढ़ें, अनिल चमड़िया का विश्लेषण