लेखक जितेंद्र भाटिया ने वर्ष 2016 से लेकर 2018 के बीच असम की कई दौर की यात्राओं के दौरान वहां जंगलों में हो रहे बदलावों और नागरिकता को लेकर मचे घमासान व इसके विभिन्न आयामों का आंखों-देखा वर्णन किया है
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विरोध की घोषणा करते हुए मिजोरम में छात्रों ने एक जुलूस निकाला। इस जुलूस में लगभग 30 हजार लोग शामिल हुए। जुलूस के मार्ग पर जो पोस्टर लगे थे उनमें अत्यंत खतरनाक नारे लिखे थे। ऐसा ही एक नारा था ‘हलो चायना, बाय-बाय इंडिया’