P.N. Sankaran cites two recent incidents to illustrate the apathy of the commissions Constitutionally empowered to protect the rights of the Scheduled Castes and the Backward Classes
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राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष ने कहा कि ओबीसी ग्रांट का पैसा ओबीसी के लिए इस्तेमाल किया जाना चाहिए। इसका दूसरे मद में उपयोग अनुचित है। उन्होंने इस बात पर नाराजगी व्यक्त की कि ओबीसी छात्रों को दाखिले के समय परेशान किया जाता है
वर्तमान में पिछड़ा वर्ग को जो हक-अधिकार प्राप्त हुए हैं, उसके लिए इस वर्ग को लंबा संघर्ष करना पड़ा है। इसी संघर्ष के नायकों को किताब में याद किया गया है। इनमें जोतीराव फुले से लेकर एम. करुणानिधि तक शामिल हैं। नवल किशोर कुमार की समीक्षा
मोहन भागवत से यह तो पूछा ही जाना चाहिए कि यदि हिंदू कभी देशविरोधी नहीं हो सकता, तो असीम त्रिवेदी और कन्हैया कुमार को देशद्रोह की धारा में क्यों गिरफ्तार किया गया था? क्या वे हिंदू नहीं हैं? कंवल भारती का विश्लेषण
भारतीय द्विज इतिहासकार लक्ष्मीबाई को स्वतंत्रता संग्राम की महानायिका बताते हैं। लेकिन हकीकत यह है कि स्त्रियों की स्वतंत्रता की जो लड़ाई सावित्रीबाई फुले ने लड़ी, वह उन्हें लक्ष्मीबाई से अधिक प्रभावकारी महानायिका बनाती है। ऐसी महानायिका जिसने भारत की तमाम महिलाओं को गुलामी से आजाद होने का मार्ग प्रशस्त किया। स्मरण कर रहे हैं ओमप्रकाश कश्यप
जो महिलाएं वर्जनाओं को भेद लक्ष्य की प्राप्ति करना चाहती हैं, सामाजिक ढांचे को तोड़ नए आयाम करना चाहती हैं, रूढ़ियों को पीछे छोड़ आगे बढ़़ना चाहती हैं, उनके लिए सावित्रीबाई फुले सबसे अधिक प्रेरणादायक आईकॉन हैं। स्मरण कर रही हैं निर्देश सिंह
किसानों के सवालों से सरोकार रखने वाले लोगों को थोड़ा आगे बढ़ना पड़ेगा। उन सारे लोगों के सवालों पर विचार करना पड़ेगा जो किसानी से परोक्ष रूप से जुड़े हुए हैं। यानि जो भूमि के मालिक नहीं हैं लेकिन जिनके दम पर ही खेती होती है। ये कौन हैं और इनके सवालों को शामिल किए बगैर किस तरह के किसान आंदोलन की रूपरेखा हाे सकती है। रामजी यादव का विश्लेषण
इसके पहले किसानों के जितने भी आंदोलन हुए, उन्हें ऊंची व दबंग जातियाें के किसानों का आंदोलन कहा गया। लेकिन इस बार ऐसा नहीं है। इस आंदोलन में सभी तबके के किसान शामिल हैं। फिर चाहे वे दलित हों, अति पिछड़े वर्ग के हों। यह एकजुटता महत्वपूर्ण है
बिहार और यूपी से आने वाली एक्सप्रेस रेलगाड़ियों में जनरल क्लास की बोगियां सबसे पहले और सबसे आखिर में क्यों जोड़ी जाती हैं? इसकी एक वजह यह भी है कि यदि किसी ट्रेन की टक्कर हो तो वे लोग बचे रहें जो बीच में हैं और मजदूर नहीं हैं। क्या भारत के मजदूर इस बात को समझते हैं? रामजी यादव का विश्लेषण
जब भारत का संविधान अनुच्छेद 25 यह आजादी देता है कि व्यक्ति अपनी इच्छानुसार कोई भी धर्म चुन सकता है, तो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के दिमाग में धर्म-परिवर्तन के खिलाफ उल्लू कैसे बैठ गया? संविधान की शपथ खाकर पदासीन कैबिनेट ने संविधान-विरोधी इस अध्यादेश को पास कैसे कर दिया? इसके पीछे सरकार की मंशा दलितों को दलित बनाए रखने की है। बता रहे हैं कंवल भारती