हिंदू राष्ट्रवाद का जोर प्राचीन हिंदू (भारतीय नहीं) ज्ञान पर है और उसका लक्ष्य है अंग्रेजी माध्यम से और विदेशी ज्ञान के शिक्षण को बंद करवाना। उदाहरण के लिए, राजनैतिक विचारधाराओं के पाठ्यक्रम में यूरोपीय विचारधाराओं को हटाकर उनके स्थान पर वेदों और उपनिषदों को शामिल किया जा रहा है। बौद्ध विचारों को तो शामिल किया ही नहीं जाता। बता रहे हैं कांचा इलैया शेपर्ड