रेणु के साहित्य में सामाजिक न्याय, आर्थिक न्याय, लैंगिक न्याय, क्षेत्रीय न्याय और जातीय, वर्गीय तथा क्षेत्रीय अस्मिता के सवाल मुखर हुए हैं। मसलन, ‘मैला आँचल’ की कथा जनेऊ आन्दोलन, चंपारण आन्दोलन, छोटानागपुर आन्दोलन, किसान आन्दोलन, तेलंगाना आन्दोलन, समाजवादी आन्दोलन, पूर्णिया का संथाल आन्दोलन, त्रिवेणी संघ का आन्दोलन, पिछड़ा वर्ग आन्दोलन, बंगाल के भू-श्रमिक आन्दोलन आदि की सामूहिक अभिव्यक्ति है। बता रहे हैं युवा समालोचक अनंत