तमिल समाज में सांस्कृतिक चेतना शेष भारत की तुलना में अधिक मुखर रहा हैं। ओमप्रकाश कश्यप बताते हैं कि आर्यों की द्रविड़ों पर राजनीतिक विजय का सच चाहे जो भी रहा हो, तमिलनाडु सहित समस्त दक्षिण भारत पर, उनकी सांस्कृतिक विजय, वास्तविकता से ज्यादा मिथक है। इसलिए वहां ब्राह्मणवाद के विरोध के स्वर उत्तर भारत के सापेक्ष कहीं अधिक पुराने और प्रखर हैं