कर्पूरी ग्राम में जननायक के बड़े बेटे व राज्यसभा सांसद रामनाथ ठाकुर अदब से मिले। कहने लगे कि मेरे पिता ने देखी थी भीषण गरीबी। 1940 में फार्म भरा जाना था। दो रुपये फीस लगती थी। उनके पास पैसे नहीं थे कि फार्म भरें। वे शंभू पट्टी के बच्चा बाबू के पास गए और अपनी समस्या बतलायी। बच्चा बाबू ने उन्हें 27 बाल्टी से स्नान कराया, तब जाकर उन्होंने दो रुपया दिया। जननायक की जन्मस्थली से बता रहे हैं अरुण आनंद