हिंदू धर्म, समाजिक व्यवस्था और परंपरा में शूद्रों-अतिशूद्रों और महिलाओं को सभी मानवीय अधिकारों से वंचित रखा गया था। आधुनिक भारत में पहली बार जिस महिला ने इसे चुनौती दिया, उनका नाम सावित्रीबाई फुले है। उन्होंने अपने कर्म और विचारों से वर्ण-जाति व्यवस्था और ब्राह्मणवादी पितृसत्ता एक साथ चुनौती दी