लोकसभा चुनाव 2019 के परिणाम सामने आ चुके हैं। भाजपा गठबंधन ने पंजाब और दक्षिण के कुछेक राज्यों को छोड़ पूरे देश में प्रभावशाली जीत दर्ज किया है। खास बात यह है कि इस बार वंशवादियों को करारा झटका भारत की जनता ने दिया है
–
दिल्ली में कांग्रेस आम आदमी पार्टी से गठबंधन नहीं करेगी और अपने बूते सभी सातों सीटों पर चुनाव लड़ेगी। आखिर क्या वजह रही कि कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व की इच्छा के बावजूद गठबंधन होते-होते रह गया
कहा जाता रहा कि राहुल पप्पू हैं, अपनी इतने पर भी अपने पांचवें साल में ही नरेंद्र मोदी हांफते नज़र क्यों आ रहे हैं। उनकी छप्पन इंच की छाती सिकुड़ती-सिमटती नज़र क्यों आ रही है। अब ऐसे में जब प्रियंका की एंट्री हुई है, तब वह परेशां क्यों हैं?
आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर देश की राजधानी दिल्ली में भी गठबंधन के प्रयास तेज हो गए हैं। कभी मुख्य प्रतिद्वंद्वी रहे आप और कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व आपस में मिलकर चुनाव लड़ने पर विचार कर रहे हैं ताकि भाजपा को दिल्ली बदर किया जा सके। हालांकि पेंच सीटों के बंटवारे को लेकर फंसा है
उत्तर-प्रदेश में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के हाथ मिलाने की खबर आ रही है। वहीं कांग्रेस से दूरी बनाए रखने की भी बात सामने आ रही है। आखिर क्या वजह है कि सपा-बसपा नहीं चाहती कि कांग्रेस उनके गठबंधन में शामिल हो
अखिल भारतीय किसान संघर्ष समिति के बैनर तले हजारों किसान बीते 30 नवंबर 2018 को दिल्ली में एकत्रित हुए और संसद मार्ग तक मार्च निकालकर सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश की। इस अवसर पर विपक्षी दलों के नेता भी किसानों के साथ नजर आए। फारवर्ड प्रेस की रिपोर्ट :
मध्य प्रदेश में बसपा का चेहरा बन चुके देवाशीष जरारिया ने हाल ही में कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर ली। उनके इस कदम पर विभिन्न तरह की प्रतिक्रियायें सामने आ रही हैं। इसके अलावा कांग्रेस के साथ वे बहुजन की राजनीति कैसे कर सकेंगे, यह सवाल भी उठाया जा रहा है। प्रस्तुत है देवाशीष जरारिया से खास बातचीत
Forward Press also publishes books on Bahujan issues. Forward Press books shed light on the widespread problems as well as the finer aspects of Bahujan (Dalit, OBC, Adivasi, Nomadic, Pasmanda) society, culture, literature and politics
कांग्रेस पार्टी के मुख्य राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस के खून में ब्राह्मणों का डीएनए है। इसके पहले वे राजीव गांधी एवं राहुल गांधी को जनेऊधारी द्विज साबित कर चुके हैं। उन्होंने ब्राह्मण सम्मेलन में ब्राह्मणों से कई वायदे किये और उनका गुणगान किया। फारवर्ड प्रेस की रिपोर्ट :