राहुल सांकृत्यायन द्वारा तिब्बत से लायी गईं पांडुलिपियां आज भी पटना संग्रहालय परिसर में स्थित बिहार रिसर्च सोसायटी में संरक्षित हैं। वर्ष 1998 में एक खास किताब का प्रकाशन जापान की एक संस्था के सहयोग से किया गया। दुर्लभ पांडुलिपियों की यह किताब बिक्री के लिए भी उपलब्ध है, बता रहे हैं गुलजार हुसैन