मिथकीय ग्रंथ रामायण में वर्णित रावण के संबंध में बौद्ध धर्म से लेकर गोंड परंपरा तक में अनेक व्याख्याएं हैं। इन व्याख्याओं के निहितार्थ व मनुवादी समाज की वैचारिकी को चुनौती देती चंद्रिकाप्रसाद जिज्ञासु की पुस्तक ‘रावण और उसकी लंका’ का पुनर्पाठ कर रहे हैं कंवल भारती
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अर्जक संघ के संस्थापक महामना रामस्वरूप वर्मा ने तत्कालीन राष्ट्रपति वी.वी. गिरि और तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को पत्र लिखकर रामचरितमानस चतुष्शताब्दी समारोह का विरोध किया था। वे मानते थे कि राम और रामायण के पीछे ब्राह्मणों की मंशा अपना वर्चस्व बनाए रखना तथा दलित-बहुजनों को नीच बताना था। बता रहे हैं सिद्धार्थ
Arjak Sangh’s founder Mahamana Ramswaroop Verma had written to the then president V.V. Giri and prime minister Indira Gandhi opposing official celebrations to mark the 400th anniversary of the writing of Ramcharitmanas. He firmly believed that both Ram and Ramayan were crafted by the Brahmins to perpetuate their domination and to keep Dalitbahujans on a lower rung
आस्थावादी कहता है, जो कहा गया है, उसपर विश्वास करो। धर्मग्रंथों पर संदेह करना पाप है। आस्था जितनी ज्यादा संदेह-मुक्त हो, उतनी ही पवित्र मानी जाती है। जबकि ज्ञान की खोज बगैर संदेहाकुलता के संभव ही नहीं है। ओमप्रकाश कश्यप का विश्लेषण
कोरोना लॉकडाउन के दौरान जेएनयू में रामायण और गीता पर वेबिनार का आयोजन किया गया। क्या यह जेएनयू की मुक्त वैचारिकी को खत्म कर इस शैक्षणिक संस्थान को हिंदू धर्म व उसके दर्शन तक सीमित करने की साजिश है? हालिया घटनाओं के मद्देनज़र नवल किशोर कुमार की रिपोर्ट
राजनीतिक सन्दर्भों में वाल्मीकि का शब्द-निरूपण तत्कालीन राज्य-व्यवस्था की विद्रूपताओं का चित्रण है, जो संकेत करता है कि राजा के होते हुए भी तत्कालीन समाज अराजक स्थिति में था। कहीं अध्यात्म में डूबे शासक राज्य की भौतिक अभिवृद्धि की उपेक्षा कर रहे थे, और कहीं चरम भोगवाद धर्म की अनुभूतियों को नष्ट कर रहा था। बता रहे हैं कंवल भारती :
Valmiki’s poetic creation is a portrayal of the ugly polity of his times. Society was in anarchy despite having a king. On the one hand there were rulers steeped in spirituality, neglecting material development of the State and on the other, there were hedonists who were destroying spiritual realizations