विनोद कुमार ने बताया कि दलित अर्थात अनुसूचित जातियों में सबसे अधिक संख्या ‘भुइयां’ जाति की है। ‘भुइयां’ नाम सुनकर मुझे अपने गुरु चन्द्रिकाप्रसाद जिज्ञासु का स्मरण हो आया, जिन्होंने अपनी पुस्तक ‘शिव तत्व प्रकाश’ (1962) में इसके बारे में लिखा है। पढ़ें, कंवल भारती की रांची यात्रा की डायरी की पहली किश्त