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हाल ही में सुप्रीम कोर्ट द्वारा आरक्षण के सन्दर्भ में दिए गए फैसले का सामाजिक, राजनैतिक और आर्थिक दुष्प्रभाव समाज के कमजोर और उपेक्षित वर्गों के ऊपर सीधे तौर पर पड़ेगा। यह फैसला संविधान की मूल भावना का स्पष्ट तौर पर उल्लंघन करता है। ओमप्रकाश कश्यप का विश्लेषण
लेखक अरविंद जैन के मुताबिक, सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष समस्या यह है कि संरक्षकता सम्बन्धी प्रावधान को न पूर्ण रूप से स्वीकारा जा सकता है और न नकारा जा सकता है, न लिंग के आधार पर विभेद को अनदेखा किया जा सकता है न विभेद को स्वीकार करके प्रावधान को असंवैधानिक घोषित किया जा सकता है
बिहार में दलित-बहुजनों के सामाजिक-सांस्कृतिक सवाल मुखर तरीके से उठाने वाले उदयन राय को जमानत मिल गयी है। उनके उपर पुलिस ने एक व्हाट्सअप संदेश के आधार पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा को लेकर साजिश रचने का आरोप लगाया है
भारत के कानून यहां के पितृसत्ता को संपोषित करने वाले सामाजिक व्यवस्था के माकूल ही हैं। यौन स्वतंत्रता का अधिकार केवल पुरूषों को है। महिलाओं के हिस्से में है कानून और नैतिकता की विधिक व सामाजिक जिम्मेदारी
Nawal Kishore Kumar discusses with Dishom Guru Shibu Soren the politics of Jharkhand, the Jharkhand movement, struggles of the Tribals, nepotism in political outfits and his relationship with Lalu Prasad
दिशोम गुरू शिबू सोरेन से नवल किशोर कुमार ने झारखंड की राजनीति, झारखंड आंदोलन, आदिवासियों के संघर्ष, लालू प्रसाद से अपने रिश्ते और परिवारवाद आदि विषयों पर बात की है