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इस पुस्तक में पेरियार के अपने आलेखों व भाषणों के अलावा दक्षिण भारत की प्राख्यात लेखिका वी. गीता द्वारा लिखित भूमिका “जाति का विनाश और पेरियार” संकलित है। इससे हिंदी पाठकों को पेरियार के बारे में नई जानकारियां मिलती हैं। बता रहे हैं जावेद अनीस
पेरियार के विचारों से आज भी भारत का ब्राह्मणवादी समाज आगबबुला हो उठता है। ऐसी ही एक घटना छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चाम्पा जिले में पिछले दिनों घटित हुई, जहां द्विजों ने ओबीसी वर्ग के एक अधिवक्ता के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। नवल किशोर कुमार की रिपोर्ट
सिद्धार्थ बता रहे हैं पेरियार ललई सिंह यादव के अदम्य साहस के बारे में, जिसके बूते उन्होंने उत्तर भारत में राम को खारिज करने वाली पेरियार की किताब सच्ची रामायण को प्रकाशित किया। बाद में जब सरकार ने किताब को प्रतिबंधित किया तब उन्होंने सरकार को अदालत में घसीटा और मात दी
ओमप्रकाश कश्यप बता रहे हैं कि पेरियार ललई सिंह यादव एक फॉरेस्ट गार्ड से कैसे उत्तर भारत के अगुआ सामाजिक क्रांतिकारी बने। साथ ही यह भी कि कैसे अपने दम पर उन्होंने सच्ची रामायण को प्रकाशित किया और जब सरकार ने उसे प्रतिबंधित किया तब उसे न केवल अदालत में मजबूत चुनौती दी बल्कि जीत भी दर्ज की
The father of the Dravidian movement was a rationalist, a social reformer, a political activist and, above all, an unabashed critic of Hinduism. This book offers a simplified yet accurate Hindi translation of Periyar’s original writings
लंबे समय से हिंदी पाठकों को एक ऐसे मुकम्मल किताब की जरूरत महसूस हो रही थी, जो पेरियार के विचारों के विविध आयामों से उन्हें परिचित करा सके। फारवर्ड प्रेस द्वारा इस किताब का प्रकाशन इसी जरूरत को पूरा करने के लिए किया गया है