मैला प्रथा भारत के लिए कलंक है। इसे गैर-कानूनी घोषित किये हुए 25 वर्ष हो गये, फिर भी सीवर/सेप्टिक टैंक में हत्याओं का दौर जारी है। मैला प्रथा उन्मूलन के लिए संसाधनों की कमी नहीं है, लेकिन सरकारी उदासीनता के कारण इस कलंक को हम ढो रहे हैं। बता रहे हैं राज वाल्मीकि :