सैन्य विशेषज्ञों का मानना है कि एक फौजी को जंग के लिए तैयार करने में चार से पांच साल लगते हैं। ‘अग्निपथ’ योजना में केवल छह महीने के प्रशिक्षण का ही प्रावधान है। इस तरह कम अनुभव वाला फौजी सेना के आधुनिकीकरण में कैसे मददगार होगा? सवाल उठा रहे हैं ओमप्रकाश कश्यप