श्रीलाल शुक्ल सम्मान-2020 से सम्मानित साहित्यकार और झारखंड के वरिष्ठ नौकरशाह रणेंद्र के मुताबिक, बॉक्साइट माइंस अगर असुरों के लिए खतरा बनी हुई हैं तो रियल एस्टेट का धंधा मुंडा आदिवासियों को तबाह कर रहा है। आदिवासी जमीनों के लिए आदिवासियों को गायब किया जा रहा है। उनकी जमीन पर कंक्रीट के जंगल खड़े किये जा रहे हैं