प्रसिद्ध सत्यशोधक-मार्क्सवादी विचारक विलास सोनवणे का निधन बीते 4 अगस्त, 2021 को हो गया। हम उनका एक संबोधन प्रकाशित कर रहे हैं जो उन्होंने जनवादी लेखक संघ (जलेस) द्वारा दिनांक 2-4 अक्टूबर, 2015 को ‘आंबेडकरवाद और मार्क्सवाद : पारस्परिकता के धरातल’ विषय पर बांदा में एक तीन दिवसीय आयोजित कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा था।