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जनार्दन गोंड बता रहे हैं झारखंड की सुषमा असुर और केरल की दलित छात्रा देविका बालाकृष्णन के बारे में। उनके मुताबिक सुषमा असुर एंड्रायड फोन और मोबाइल नेटवर्क के सुचारू नहीं होने से ऑनलाइन क्लासेज नहीं कर पा रही हैं तो दूसरी ओर देविका ने मारे हताशा के खुदकुशी कर ली
During the Sarhul festival, Asurs sing a mournful song over ants being unable to escape the fire in a forest. Just this one song from their huge repertoire sends out an apt message to those who call them names, writes Suresh Jagannatham
सरहुल पर्व के मौके पर एक गीत में असुर जाति के आदिम आदिवासी जंगल में आग लगने पर चींटियों के मारे जाने पर शोक मनाते हैं। उनका यह गीत उन सभी के लिए संदेश मात्र है जो उन्हें उनकी जाति यानी असुर की अपमानजनक तरीके से व्याख्या करते हैं। बता रहे हैं सुरेश जगन्नाथम :
When Sushma Asur and her troupe performed their dance outside the pandal and mourned Mahishasur’s murder, it made the puja revellers think a bit but not nearly enough
सुषमा असुर और उनके साथियों द्वारा पंडाल के बाहर नृत्य कर महिषासुर की मौत का मातम मनाने ने दुर्गा भक्तों को सोचने पर मजबूर अवश्य किया होगा। पढ़ें अनिल वर्गीज का विश्लेषण
Satish Verma finds out how an increasing number of Bahujans throughout the country are reclaiming their culture
देश भर में मनाये जा रहे महिषासुर शहादत दिवस का जायजा ले रहे हैं सतीश वर्मा
A Durga Puja committee in Kolkata invites poetess Sushma Asur and eight others to a “cultural programme” and then reveals to newspapers its real plan
कोलकाता की एक दुर्गा पूजा समिति पहले कवयित्री सुषमा असुर और आठ अन्यों को एक “सांस्कृतिक कार्यक्रम” में आमंत्रित करती है और फिर अख़बारों को अपने असली इरादों के बारे में बताती है