1990 के बाद यह पहला मौका है जब लालू प्रसाद, शरद यादव और रामविलास पासवान चुनाव में अनुपस्थित हैं। लेकिन क्या यही वजह है जिसके कारण सामाजिक न्याय इस बार के विधानसभा चुनाव में हाशिए पर है? नवल किशोर कुमार का विश्लेषण
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बिहार सरकार ने हालांकि अपने उस पत्र को यह “भूल से निर्गत” कहते हुए वापस ले लिया है जिसमें मजदूरों की भारी संख्या में आमद होने पर आपराधिक घटनाओं के बढ़ने का अंदेशा जताया गया था। वीरेंद्र यादव बता रहे हैं कि आखिर सरकार की मानसिकता ऐसी क्यों है जो हर दलित-पिछड़े को अपराधी की निगाह से देखती है
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने भले ही संसद में बहिष्कार का दिखावा कर भाजपा को मदद पहुंचाई, लेकिन अभी तक उन्होंने यह साफ नहीं किया है कि वे अपने राज्य में सीएए को लागू करेंगे अथवा नहीं। ‘हां’ या ‘ना’ के बीच डोल रही नीतीश की सियासत पर नवल किशोर कुमार की रिपोर्ट
बाबा साहब का परिनिर्वाण दिवस दलित-बहुजनों के लिए उनके सपनों को पूरा करने का संकल्प दिवस होता है। इस अवसर पर गाजियाबाद में आंबेडकर पार्क में संगोष्ठी के साथ दलित पैंथर किताब का लोकार्पण हुआ
राजद नेता शिवानंद तिवारी का मानना है कि पिछड़ी जातियों में जागृति आई है। इस वर्ग के लोगों ने पढ़ाई-लिखाई शुरू कर दी है जिससे उनकी माली हालत ठीक होती जा रही है, वहीं सवर्ण अभी भी ऐंठन में हैं और काम करने से भागते हैं। इस कारण वे गरीब हो रहे हैं। दिल्ली में रविदास मंदिर का तोड़ा जाना उनकी जलन का परिणाम है
लोकसभा चुनाव-2019 में मिली करारी हार के बाद राजद के हौसले पस्त नजर आ रहे हैं। बिहार विधानसभा में सबसे बड़ा दल होने के बावजूद विपक्ष के रूप में उसकी भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं। इसे लेकर कयासबाजियों का दौर भी जारी है
गैर कांग्रेसवाद को लेकर जनसंघ और आरएसएस से हमारा संबंध पहले भी रहा है। आज भाजपा के साथ गठबंधन कोई नई बात नहीं है। लोहिया, जयप्रकाश नारायण, चौधरी चरण सिंह और कर्पूरी ठाकुर आदि भी जनसंघ के साथ थे
हमारा सामाजिक महागठबंधन आरएसएस और मनुवादी ताकतों के खिलाफ है। जबकि मनुवादी और पूंजीवादी ताकतें नरेंद्र मोदी जी के साथ हैं
‘Our great social alliance is against the RSS and the Manuvadi forces. These forces are with Narendra Modi.’
विभागवार आरक्षण के विरोध में 31 जनवरी को दिल्ली में हुए विरोध प्रदर्शन में समाजवादी पाटी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल शामिल रहे। साथ ही भीम आर्मी के अलावा विभिन्न दलों के छात्र संगठनों ने आवाज बुलंद की
बिहार में तेजस्वी दलित, पिछड़ा और मुसलमानों को एकता का पाठ पढ़ा रहे हैं। ऐसा ही अगर जेएनयू में भी कर पाते तो यह उनकी राजनीति और जेएनयू की राजनीति के लिए अच्छा होता। बता रहे हैं चंद्रसेन :
Forward Press also publishes books on Bahujan issues. Forward Press books shed light on the widespread problems as well as the finer aspects of Bahujan (Dalit, OBC, Adivasi, Nomadic, Pasmanda) society, culture, literature and politics