भारत के अलग-अलग राज्यों में विभिन्न जनजातियों में बंटे आदिवासी रहते हैं। हालांकि उनकी संस्कृतियां और परंपराएं अलग-अलग हैं। परंतु, साझा तथ्य यह है कि सभी प्रकृति पूजक हैं। यह एक सूत्र है, जिसके जरिए देश भर के आदिवासी खुद को जोड़ सकते हैं और मजबूत ताकत बन सकते हैं। बता रहे हैं हिमांशु कुमार
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बहुजन साप्ताहिकी के तहत इस बार पढ़ें छत्तीसगढ़ व बिहार में महिषासुर व रावण को कृतज्ञतापूर्वक याद करने की खबरें। साथ ही एक खबर एयर इंडिया के कर्मियों के संबंध में जिनके उपर टाटा समूह ने गाज गिरा दी है
यह सप्ताह ओबीसी समुदायों के लिए बेहद खास रहा। पहले नीट के अखिल भारतीय कोटे में ओबीसी के आरक्षण की घोषणा भारत सरकार द्वारा की गयी। अब जातिगत जनगणना कराए जाने की मांग को लेकर हलचल तेज हो गयी है। पढ़ें इस सप्ताह की बहुजन साप्ताहिकी
आगामी 24 फरवरी को हैदराबाद में चार महिलाओं को ईश्वरीबाई स्मृति सम्मान से सम्मानित किया जाएगा। इनमें विजय भारती भी शामिल हैं जिन्होंने धनंजय कीर द्वारा लिखित जोतीराव फुले की जीवनी एवं डॉ. आंबेडकर के संपूर्ण वांग्मय के चार खंडों का तेलुगू में अनुवाद किया है। फारवर्ड प्रेस की खबर
क्या पुलिस जाति के आधार पर एनकाउंटर जैसी घटनाओं को अंजाम देती है? ये सवाल गत 6 दिसंबर को तेलंगाना में पुलिस द्वारा एनकाउंटर के बाद सोशल मीडिया पर बार-बार उठाए जा रहे हैं। नवल किशोर कुमार बता रहे हैं एनकाउंटर में मारे गए युवकों की जाति
तेलंगाना में बहुजन लेफ्ट फ्रंट जिसमें वामपंथी पार्टियां भी शामिल हैं, ने साठ फीसदी सीटों पर ओबीसी उम्मीदवार उतारने का निर्णय लिया है। साथ ही मुख्यमंत्री पद के लिए ओबीसी की दावेदारी की बात कही है। फारवर्ड प्रेस की खबर :
In Telangana, the Bahujan Left Front, which has several Leftist parties, has declared its support for OBC candidates in 60 per cent of the assembly constituencies. It is also considering nominating an OBC for chief minister if it wins. Forward Press reports
नफरत फैलाने वालों के नाम पर रेलवे स्टेशन बनते हैं, लेकिन प्रेम करने वालों, जाति तोड़ने वालों और दुनिया में बराबरी चाहने वालों की मूर्ति आदिवासी, दलित और पिछड़े बहुतायत वाले राज्य तेलंगाना में इसलिए नहीं लगाने दी जाएगी क्योंकि यह मूर्ति प्रेम को महान और जातीय श्रेष्ठता के घमंड और उसकी जड़ता को समाज के विकास और बराबरी के मूल्यों की दुश्मन बताएगी :
Forward Press also publishes books on Bahujan issues. Forward Press books shed light on the widespread problems as well as the finer aspects of Bahujan (Dalit, OBC, Adivasi, Nomadic, Pasmanda) society, culture, literature and politics