समाजवादी पार्टी की सोच है कि सामाजिक संस्तरण (सोशल हायरार्की) में जो जातियां दलितों की इन जातियों से ऊपर के पायदान पर हैं, उनको अनुसूचित जातियों की श्रेणी में यदि डाल दिया जाए तो चमारों, वाल्मीकियों और पासियों को मिलने वाली सुविधाओं और अवसरों में अपने-आप भारी कटौती हो जाएगी