लेखक प्रेमकुमार मणि बता रहे हैं कि 1000-800 ईसापूर्व के बीच उपनिषद वेदांत के रूप में सामने आए। वे यह भी बता रहे हैं कि कैसे ज्ञान के धरातल पर उपनिषदों ने वेदों को पछाड़ा। साथ ही यह भी कि उपनिषदों में वर्ण-व्यवस्था पर बहुत जोर नहीं है, जिसके लिए हिन्दू धर्म की बाहर और भीतर से आलोचना होती है