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हार्वर्ड विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित हो रहे इस वर्चुअल काव्यपाठ में वंदना टेटे के अतिरिक्त और दो महिला कवियों को आमंत्रित किया गया है। इनमें से एक चेन्नई की दलित कवयित्री मीना कंडासामी और दूसरी ढाका (बांग्लादेश) मूल की अमेरिकी कवयित्री दिलरूबा अहमद हैं
When Sushma Asur and her troupe performed their dance outside the pandal and mourned Mahishasur’s murder, it made the puja revellers think a bit but not nearly enough
सुषमा असुर और उनके साथियों द्वारा पंडाल के बाहर नृत्य कर महिषासुर की मौत का मातम मनाने ने दुर्गा भक्तों को सोचने पर मजबूर अवश्य किया होगा। पढ़ें अनिल वर्गीज का विश्लेषण