हम आदिवासियों की जो संस्कृति रही है, वह प्रकृतिवाद पर आधारित है। कहने के लिए तो दुनिया में हम सभी लोग स्वयं को प्रकृतिवादी कहते हैं। लेकिन आप अगर देखेंगीं तो क्या वास्तव में लोग प्रकृति की पूजा कर रहे हैं? प्रकृति की पूजा कहने का मतलब क्या है? झारखंड की आदिवासी अध्येता वंदना टेटे से ज्योति पासवान की बातचीत